मानव-शास्त्र - मलय राय चौधरी

मैं लुटने को तैयार हूँ,
आओ,
ओ घातक चमगादड़!


फ़ाड़ दो मेरे कपड़े,
उड़ा दो
मेरे घर की दीवारें
बन्दूक चलाओ
मेरी कनपटी पर
और
मुझे कारा में पीटो.


फ़ेंक दो
मुझे चलती ट्रेन से:
बंधक रखो
और
नज़र रखो मुझपे;
मैं एक भू-गर्भीय यंत्र हूँ,
परमाणु युद्ध की
झलक देखने को जीवित
एक अधर्मी खच्चरी का
नीले-लिंगी अश्व द्वारा
गर्भाधान।


            प्रौत्योघात - मलय राय चौधरी
            अनुवाद - दिवाकर एपी पाल

Comments

Popular posts from this blog

दाँत का दर्द

प्रस्तुति - मलय राय चौधरी