दाँत का दर्द

पिछले कुछ दिनों से
एक दांत दर्द दे रहा था
पता नहीं क्यों पर,
सड़ चुका था वह।

शायद,
बचपन की चॉकलेटों की मिठास थी वजह,
या रोज रात की दूध,
या मटन चिकन के फँसे टुकड़े
जो कुल्ले से साफ न होते थे।

या शायद जवानी की लापरवाहियाँ -
अक्सर रात की मज़लिस के बाद
सुबह ब्रश ना करना
या फिर दोस्तों के सामने
कूल दिखने की कोशिश में,
बियर की ढक्कनों के ऊपर आजमाइश
या लगातार जलती सिगरेट की कशों से
जमी कलिश की परतें।

जो भी हो, सच -
एक दांत सड़ गया था।
दर्द, जो अब दांत से बढ़कर
पूरे जबड़े पर फैला था।
खा रहा था,
पेन किलर, दिन के चार-चार,
पर यह दर्द वापस उभर आता था!
नींद से उठता था मैं बार-बार
दिन को काम भी नहीं कर पाता था।

उस दांत को निकलवा दिया है मैंने
जबड़ा अब खाली-खाली सा लगता है
वैसा ही
जैसे कोई कड़वा रिश्ता छूट गया हो।
अब दर्द नहीं होता दाँतों मे,
अब चैन से सोता हूँ रातों को!

- 2 नवंबर, 2019

Comments

  1. Very nicely and descriptively written. It is a true feelings from someone who is suffering from a toothache and the way this has been linked with lossing a harsh relationship and a bad tooth.

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प्रस्तुति - मलय राय चौधरी