बदलाव
आधी रात थी, और चाँद भी आधा था,
अधूरा ही था मैं तेरे बिना..
जब आगोश में लिया बादलों ने चाँद को,
और खिड़की से किरणें नहीं थी आ रहीं..
ठीक उसी वक्त, एक गीला सा स्पर्श, मेरे होठों पे..
और यूँही, दुनिया मेरी वो ना रही...
Dated: 11 June, 2011
आधी रात थी, और चाँद भी आधा था,
अधूरा ही था मैं तेरे बिना..
जब आगोश में लिया बादलों ने चाँद को,
और खिड़की से किरणें नहीं थी आ रहीं..
ठीक उसी वक्त, एक गीला सा स्पर्श, मेरे होठों पे..
और यूँही, दुनिया मेरी वो ना रही...
Dated: 11 June, 2011
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