एक बूँद

प्रेरणा: प्रभात झा
https://www.facebook.com/note.php?note_id=217835308263751

एक बूँद
जो जहाँ जाए, उसी की हो जाए
एक बूँद,
जो रेत में गिरे तो खो जाए.


एक बूँद,
प्यासे की प्यास नहीं बुझाती;
पर एक बूँद,
जो प्यासे को आस है जगाती.


एक बूँद,
जो दिखती तो है, पर अस्तित्व नहीं रखती;
एक बूँद,
जिसकि हस्ती मिसाल कायम है करती.


पर जब मिल जाए
एक-एक बूँद;
सैलाब बन, सेहरा को हरियाए.


उस एक बूँद को सलाम,
जो जन-सैलाब को रास्ता है दिखाए..

Dated: 22 August,2011

Comments

Popular posts from this blog

दाँत का दर्द

प्रस्तुति - मलय राय चौधरी