Bekhayali ka khayal.... in words..
खूशबू ये तेरी, हवा जो लायी है; हमपे ये कैसी, खुमारी छाई है. खोया मैं तेरे, दिलकश ख्यालों में; सोया मैं तेरी, चाहत के ख्वाबों में. रातों को जागूँ, दिन को तड्पूँ.. बेख्याली में भी, तेरा ही ख्याल है; क्या है ये, बस यही सवाल है.. dated: 20 Nov, 2010